क्रिकेट की पिच पर करिअर का महाशतक
भारतीय लोगों के दिलों में अगर किसी खेल को लेकर जुनून है तो वह है क्रिकेट। हालांकि ऐसा भी नहीं कि बाकि के खेलों में लोगों को रूचि नहीं है। लेकिप क्रिकेट को इस देश में खासी अहमिहत दी जाती है। क्रिकेट का रोमांच इन दिनों चरम पर है। ट्वेंटी-2० के मैच तो इन दिनों चल ही रहे हैं, आने वाले दिनों में ट्वेंटी-2० वर्ल्ड कप का जुनून बाकी है। आज क्रिकेट के मुरीदों में सिर्फ स्कूल या कॉलेज के बच्चे ही नहीं, बल्कि अंकल-आंटी, दादा-दादी के अलावा, सड़क के किनारे रेहड़ी-पटरी लगाने वाले लोग भी हैं। क्रिकेट के लिए इसी जुनून और प्यार की वजह से देश का हर युवा इसका हिस्सा बनना चाहता है। अगर करिअर के लिहाज से इस स्पोर्ट्स को देखा जाए तो तो यह सबसे आगे है। इस क्ष्ोत्र में युवाओं के लिए पैसा और शोहरत दोनो ही है। अगर आप में भी क्रिकेट को लेकर दीवानगी तो आप भी इस खेल का हिस्सा बन सकते हैं।
अंपायर का निर्णायक रोल
क्रिकेट मैदान पर केवल ऐसे दो लोग होते हैं जिनके इशारे पर खेल का संचालन होता है। इन दोनों लोगों को अंपायर कहा जाता है। जो लोग क्रिकेट अंपायर बनने की इच्छा रखते हैं, उन्हें इसके लिए क्रिकेट एसोसिएशन द्बारा आयोजित लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। इसके बाद मौखिक व प्रैक्टिकल परीक्षा होती है। इन तीनों चरणों को पार करने के बाद एसोसिएशन आपको स्कूल और कॉलेज लेवल के मैचों में अंपायरिग का मौका देती है।
अंपायरिग के लिए अगला चरण रणजी ट्रॉफी के मैच होते हैं। जिसके लिए आपको रणजी ट्रॉफी की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। यदि किसी अंपायर ने आधिकारिक तौर पर निर्धारित संख्या के मैचों में अंपायरिग कर ली है और उसे 5-1० साल का अनुभव है, तो वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंपायरिग के बारे में सोच सकता है। इसके लिए उसे ऑल इंडिया अंपायर एग्जाम को उत्तीर्ण करना होता है।
अंपायरिग के लिए अगला चरण रणजी ट्रॉफी के मैच होते हैं। जिसके लिए आपको रणजी ट्रॉफी की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। यदि किसी अंपायर ने आधिकारिक तौर पर निर्धारित संख्या के मैचों में अंपायरिग कर ली है और उसे 5-1० साल का अनुभव है, तो वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंपायरिग के बारे में सोच सकता है। इसके लिए उसे ऑल इंडिया अंपायर एग्जाम को उत्तीर्ण करना होता है।
कमेंटेटर का रोचक प्रेजेंटेशन

इस क्षेत्र में करिअर सवांरने के लिए आप ऑल इंडिया रेडियो क्रिकेट कमेंट्री के लिए प्रतिवर्ष एक परीक्षा आयोजित करता है। इसके लिए आपको ऑल इंडिया रेडियो में आवेदन करना होगा, जहां क्रिकेटरों का एक पैनल घरेलू क्रिकेट मैचों के दौरान कमेंट्री करते हुए आपके परफॉर्मेंस को जज करता है। आप चाहें तो टेलीविजन कमेंटेटेर भी बन सकते हैं। लेकिन इसकी राहें थोड़ी कठिन अवश्य हैं, लेकिन असंभव नहीं। देश में कई स्पोर्ट चैनल कमेंटेटर्स के लिए कॉटेंस्ट आयोजित करते हैं, जो करिअर की शुरुआत के लिए काफी अहम हो सकता है। इसमें प्रोफेशनल डिग्री पाने के लिए आप मुंबई के जेवियर्स इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन में दाखिला ले सकते हैं। यह कॉलेज अनाउंसिग, ब्रॉडकास्टिंग में शॉर्ट टर्म कोर्स कराता है।
स्पोर्ट्स इवेंट मैनेजमेंट
क्रिकेट में हर साल एक देश की टीम दूसरे देश में खेलने के लिए रवाना होती है। ऐसे में खिलाड़ियों, उनके इंडोर्समेंट्स का प्रबंधन करना होता है। इसके लिए खिलाड़ियों के बारे में कॉसेप्ट बनाना, टेलीविजन कार्यक्रमों की स्क्रिप्टिग करना और खेल संबंधी इवेंट्स को आयोजित करना शामिल है। कई प्रशिक्षण संस्थान इस कोर्स को संचालित करते हैं। देश के कई सरकारी और निजी संस्थान इस क्ष्ोत्र में करिअर सवांरने के लिए कोर्स का संचालन करते हैं।
फोटोजर्नलिस्ट
इन सबके अलावा अगर आपको क्रिकेट का अच्छा ज्ञान है, तो आप स्पोर्ट्स जर्नलिज्म में करिअर बना सकते हैं। इस पेशे में जर्नलिज्म की डिग्री आपके लिए मददगार हो सकती है। डिग्री के लिए देश में कई संस्थान हैं, जो स्पोर्ट्स जर्नलिज्म का प्रशिक्षण के साथ-साथ डिग्री प्रदान करते हैं। इसके अलावा, अगर आपकी दिलचस्पी फोटोजर्नलिस्ट बनने की है, तो फोटोजर्नलिज्म का कोर्स भी कर सकते हैं।
इसके अलावा भी क्रिकेट से जुड़े कई क्ष्ोत्र हैं जिनमें आप अपना सुनहरा भविष्य सवांर सकते हैं। इस क्ष्ोत्र में आने के लिए आप स्पोटर््स साइकोलॉजिस्ट के तौर अपनी सेवाएं दे सकते हैं। साथ ही अगर आपको लिखने और फाटो खीचने का अच्छा एक्सपीरिएंस है तो आप फोटोजर्नलिस्ट के तौर पर भी इस फील्ड से जुड़े रह सकते हैं।
इसके अलावा भी क्रिकेट से जुड़े कई क्ष्ोत्र हैं जिनमें आप अपना सुनहरा भविष्य सवांर सकते हैं। इस क्ष्ोत्र में आने के लिए आप स्पोटर््स साइकोलॉजिस्ट के तौर अपनी सेवाएं दे सकते हैं। साथ ही अगर आपको लिखने और फाटो खीचने का अच्छा एक्सपीरिएंस है तो आप फोटोजर्नलिस्ट के तौर पर भी इस फील्ड से जुड़े रह सकते हैं।
No comments:
Post a Comment