Sunday 6 October 2013

फेसबुक की कहानी



हकीकत


जब धरती सारी सोती है
अंबर काला होता है
तब दूर कहीं इक कमरे में
दो नैनों में उजाला होता है।।

कोई लिखने को कुछ आता है
काई कमेंट लगा के जाता है

होते हैं सब साथ यहां पर
बातें ढेरों होती हैं
अपनी उसकी सबकी यहां पर
बातों का चिठ्ठा होता है।।


जिसको देखो लगा यहां पर
अपनी जुगत भिड़ाने को
बात बनी जब नहीं दिखी तो
लगा कोसने फेसबुक को।।

बना रहा जो ऑनलाइन यहां पर
वही तो पठ्ठा होता है

जब धरती सारी सोती
और अंबर काला होता है
तब दूर कहीं इक कमरे में
दो नैनो में उजाला होता है ।।

 

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मुल्क