Thursday, 13 June 2013

लिखो एक नई इबारत




भारतीय इंजीनियरिंग सर्विस : लिख दो सफलता की नई इबारत




भले ही आज करिअर के हजारों ऑप्शंस खुल गए हों, लेकिन इंजीनियरिग का क्ष्ोत्र स्टूडेंट्स के लिए हमेशा से ही हॉट सब्जेक्ट बना रहा है। आने वाली 28 जून को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन, 763 वैकेंसीज को भरने के लिए इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेस का रिटेन टेस्ट देश के विभिन्न हिस्सों में अयोजित कर रहा है। अगर आप इस एग्जाम में एपीयर होने वाले हैंं और आप अपनी प्रिपरेशन को लेकर परेशान हैं तो आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। यहां प्रस्तुत हैं परीक्षा की तैयारी व एग्जाम पैटर्न के तरीके पर विस्तृत जानकारी.....

भारतीय इंजीनियरिंग सर्विसेस में शामिल होने का सपना लगभग हर इंजीनियरिंग का छात्र देखता है, अगर आपने भी पाला है सींचा है इस सपने को तो अब वो वक्त आ चुका है जब इस सपने को साकार किया जाए। अब वक्त है सिर्फ कुछ दिनों का, इन दिनों में कैसे करें तैयारी, कैसे पार करें इस बाधा को। इस परेशानी में ज्यादातर छात्र अपना सौ प्रतिशत नहीं दे पाते जिससे उनका परेशान होना लाजिमी है।

सिलेबस से रहें अपडेट

किसी भी परीक्षा में सफलता तभी मिल सकती है, जब उस परीक्षा से संबंधित सिलेबस की अच्छे से पढ़ाई की जाए। इस परीक्षा में कामयाबी पाने के लिए सबसे पहले आपको सिलेबस को अच्छी तरह से समझकर उसके अनुरूप तैयारी करनी होगी। आमतौर पर छात्र बीई या बीटेक के दौरान अपनी ब्रांच में तो विशेषज्ञता हासिल कर ली होती है। लेकिन यहां जरूरत है सिलेबस को अच्छे स्ो रिवाइज करने की। इसके अलावा, जनरल स्टडीज के एग्जाम में अच्छा परफार्म करने के लिए करेंट इवेंट, इतिहास, भूगोल, पॉलिटिक्स से संबंधित प्रश्न तथा जनरल इंग्लिश में अंग्रेजी भाषा की समझ से संबंधित ज्ञान को बढ़ा लेना बेहतर होता है।

एग्जाम पैटर्न

यह एग्जाम तीन दिनों तक चलता है। प्रमुख रूप से इस परीक्षा को दो सेक्शंस में बांट दिया गया है। 

पहला सेक्शन

पहले सेक्शन में ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों को पूंछा जाता है। इस सेक्शन में तीन पेपर होते हैं और तीनों ही पेपर 2०० मार्क्स व 2 घंटे की समयसीमा के होते हैं। इस सेक्शन के जरिए छात्रों की सब्जेक्ट्स नॉलेज व सामान्य क्षमता को जांचा जाता है। ऑब्जेक्टिव परीक्षा में जनरल एबिलिटी टेस्ट और विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है।

दूसरा सेक्शन

दूसरे सेक्शन में विस्तृत उत्तरीय सवाल पूछे जाते हैं। कन्वेंशनल पेपर में सिर्फ विषय से संबंधित प्रश्न ही होते हैं। पहले सेक्शन मेें जहां तीन प्रश्न पत्र होते हैं वहीं दूसरे सेक्शन में दो ही प्रश्न पत्र शामिल किए जाते हैं। इस सेक्शन में प्रमुख रूप से दो पेपरों को शामिल किया गया है, जिनकी समयसीमा तीन घंटे निर्धारित की गई है, और दोनों ही पेपर 2०० मार्क्स के होते हैं। इन पेपरों में लघुउत्तरीय सवालों की अपेक्षा विस्तृतउत्तरीय सवाल पूछे जाते हैं। यदि आप लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, तो पर्सनैलिटी टेस्ट के लिए आपको बुलावा भ्ोजा जाता है।

पिछले वर्ष के प्रश्नों को बेहतर ढंग से समझें

बेहतर तैयारी के लिए जरूरी है कि इस परीक्षा में पिछले सालों में पूछे गए प्रश्नपत्रों को ध्यान से समझने की कोशिश करें। इससे तैयारी करने में आसानी होगी। इंजीनियरिग परीक्षा में जनरल एबिलिटी का पेपर सभी के लिए आवश्यक है। इस कारण इसकी तैयारी के लिए अलग से योजना बनाएं और उसी के अनुरूप तैयारी करें। अंग्रेजी की तैयारी के लिए एक नेशनल न्यूजपेपर पढèने के साथ ही अंग्रेजी ग्रामर का नियमित अभ्यास करें।

करेंट से रहें अपडेट

करेंट इवेंट्स की तैयारी के लिए राष्ट्रीय अखबार पढ़ें। इसके साथ ही रोज समाचार सुनने की आदत भी बनाएंं, जोकि आपको अच्छा स्कोर करने में मदद करेगी।
कमजोरी को बनाएं मजबूती
अक्सर देखा जाता है कि इंजीनियरिग के स्टूडेंट्स अपने सब्जेक्ट्स को गहनता से नहीं पढ़ते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि परीक्षा हाल में बेहतर प्रदर्शन करने में उन्हें परेशानी होती है। इस परीक्षा में सभी इंजीनियरिग के स्टूडेंट्स ही सम्मिलित होते हैं। इस कारण इसमें कंपटीशन काफी बढ़ जाता है। बेहतर होगा कि परीक्षा में पूछे जानेवाले सभी विषयों की गहन तैयारी की जाए। जो सब्जेक्ट कमजोर है, उसे पहले पढ़ें। अगर आप इस तरह की रणनीति बनाकर तैयारी को अंतिम रूप देते हैं, तो आप इस परीक्षा में अवश्य सफल हो सकते हैं।

आईईएस एकेडमी की करिअर कांउसलर ज्योति से बातचीत पर आधारित।





 

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