बेहतर कम्यूनिकेशन स्किल्स से राज करें दुनिया पर
रिजवान खान
आज हर कोई जल्द से जल्द सफलता पाना चाहता है, इसके लिए वो सार्टकट का यूज करता है, लेकिन हम अच्छी तरह इस बात से वाकिफ हैं कि सफलता का कोई सार्टकट नहीं होता है। इस प्रतियोगी युग में हमें इसके लिए अपनी कम्यूनिकेशन के तरीकों को बेहतर करने की जरूरत होती है।
हम इस समाज में हर पल एक दूसरे से डायरेक्टली या इनडायरेक्टली बातचीत करते हैं। आज कम्यूनिकेशन के विभिन्न साधनों की खोज के कारण संचार का महत्व काफी बढè गया है। ऐसे में सफलता के लिए एक विशेष गुण की जरूरत होती है, जिसे हम संचार कौशल कहते हैं। संचार वह प्रक्रिया है जिससे हम अपने संदेशों को दूसरो तक पहुंचाते हैं। संचार से आपसी रिश्तांे में नजदीकी आती है। आज हम चाहे सार्वजनिक,सरकारी या निजी किसी भी क्षेत्र में कार्य करे, अपने कार्य में निपुण होने के लिए संचार कौशल को विकसित करना जरूरी है संचार कौशल को विकसित करने के लिए हर व्यक्ति में नीचे दिए गए बिंदुओं का होना अति आवश्यक है।
प्रैक्टिस की जरूरत
कम्यूनिकेशन स्किल्स को डेवलप करने के लिए व्यक्ति में लगातार प्रैक्टिस का होना बेहद जरूरी है। यह अभ्यास लगातार तभी हो सकता है,जब हम अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या में बातचीत स्पष्ट एंव सरल तरीके से करें। किसी भी परिचित एवं नए व्यक्ति से कम्यूनिकेशन के नए नए तरीके सीखने में शर्म महसूस न करें।
मिलीजुली भाषा का प्रयोग न करें
जब भी हम किसी से बातचीत करंे तब हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि प्रयोग किए जा रहे शब्दांे ,वाक्यों या आवाज का स्वर वहां के माहौल के अनुरूप हो। बातचीत के दौरान अपने चेहरे पर सदा मुस्कान व खुशी बनाए रखंे। अपने बातचीत को हमेशा पॉजिटिव रखंे और एक ही भाषा का प्रयोग सही रहता है, कभी-कभी हम देखते हैं कि लैंग्वेज बैरियर हमारे लिए घातक सिद्ध हो जाता है। इस लिए उस भाषा का प्रयोग करे जो सामने वाले शख्स को आसानी से समझ में आ जाए।
साल्यूशन रोज नये-नये लोगों से बातचीत करें, अखबार व पत्र-पत्रिकाओं को जोर जोर से बंद कमरे या बंद जगह पर पड़ें, ऐसा करते वक्त इस बात का ध्यान रख्ों कि आपकी इस प्रक्रिया से किसी दूसरे व्यक्ति को परेशानी न हो।
आई कांटेक्ट बनाए रख्ों
बातचीत के दौरान हमारा यही लक्ष्य होना चाहिए कि सामने वाला शख्स आपकी बात को ध्यान से सुने। इसके लिए हम अपनी आंखों के एक्सप्रेशन का यूज कर सकते हैं। ताकि सामने वाले शख्स को ऐसा न लगे कि आप सिर्फ एक तरफ ही फोकस रहे हैं। वैसे भी आंखो की रूमानियत शख्स के दिमागी शब्दों को आसानी से बयां करती हैं। इसलिए आई कांटेक्ट पर विश्ोष ध्यान दें।
साल्यूशन डेली सुबह-शाम योग करें व हरे फल व सब्जिओं का इस्तेमाल करें, इसके अलावा प्लेन पेपर पर ब्लैक पेन से एक छोटा बिंदु बनायें, जिसे रोजाना सुबह-शाम ध्यान से करीब आध्ो घंटे तक देख्ों इससे आपके आई कांटेक्ट में वृद्धि होती है।
कांफीडेंस लूज न करें
अक्सर हत बातचीत के दौरान नर्वस होने लगते हैं जोकि हमारे लिए खतरनाक साबित होती है। बातचीत के वक्त अगर हमारी सोच में साहस एवं विश्वास होगा तो हमारी बातचीत खुद-ब-खुद पॉजिटिव होगी। हमंे यह ध्यान रखना चाहिए कि सामने वाला व्यक्ति भी एक इंसान ही है, इसलिए उसे बेवजह हौव्वा न बनाएं, और अपने ऊपर डर को हावी न होने दें।
- साल्यूशन हमेशा करेंट के घटनाक्रमों से अवेयर रहें व उनसे जुड़ी एक ब्रीफ नॉलेज रख्ों, जोकि आपके कांफीडेंस को बातचीत के दौरान बूस्ट कर देगा, और आप खुद को असहाय नहीं होने देंगे। अक्सर देखा गया है कि सामने वाले के प्रश्न का जवाब न दे पाने का कारण, हमारी अंडर नॉलेज ही होती है। इसलिए समसामयिक घटनाक्रमों से हमेशा अवेयर रहें।
बातचीत के दौरान हमंे शब्दांे व वाक्यो में स्पष्टता लानी चाहिए। भाषाश्ौली में सदा मिठास होनी चाहिए। अगर बात स्पष्ट न हो तो उसे दोबारा स्पष्ट करना चाहिए। शब्दों व वाक्यों को व्यक्तिगत तौर पर स्पष्ट करना चाहिए। आपकी आवाज भी गौरवमयी एहसास कराने वाली होनी चाहिए
साल्यूशन अक्सर हम ये ध्यान देते हैं कि हमारी बात लोगों को बुरी लग जाती है या यूं कहें कि आपकी भाषा श्ौली ऐसी होती है जो दूसरे लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। ऐसे में हमें सभ्य व शिक्षित लोगों की संगत में रहना चाहिए, साथ ही साथ धार्मिक व अध्यात्मिक पुस्तकों का अध्ययन करना लाभकारी होता है।
इनके अलावा भी आप खुद के प्रयास से अपनी कम्यूनिकेशन स्किल को प्रभावी तौर पर सुधार सकते हैं। इसके खातिर आप प्राइवेट संस्थानों की भी मदद ले सकते हैं, जो समय-समय पर कम्यूनिकेशन स्किल्स पर नये-नये कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं। अपनी दिनचर्या में उपरोक्त बिंदुओं को समाहित कर हम अपनी कम्यूनिकेशन क्षमता को बढा सकते हंै और सफलता की ओर आसानी से पहुंच सकते हैं।
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